सोमवार, 12 जून 2017

भूमि विवाद में पहुंची पुलिस टीम पर हमला, तीन पुलिसकर्मी घायल

एकजुट हुए ग्रामीणों ने जमकर की पत्थरबाजी, केस दर्ज, आठ आरोपी गिरफ्तार
तहसीलदार व एसओ की मौजूदगी में हमलावर हुए ग्रामीण
अमर उजाला ब्यूरो
राजेसुल्तानपुर। थाना क्षेत्र अंतर्गत चाड़ीपुर गांव में रविवार पूर्वाह्न भूमि विवाद निपटाने पहुंची पुलिस व राजस्व टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। पत्थरबाजी में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने राजस्व टीम की तहरीर पर एक पक्ष के आठ लोगों के विरुद्ध केस दर्ज कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उधर, गिरफ्तार पक्ष के लोगों ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। 
चाड़ीपुर गांव निवासी रमाकांत पुत्र खेमराज व ओमप्रकाश पुत्र विशेष्वरलाल का गांव के ही प्रभाकर पुत्र रामजीत से लंबे समय से रास्ते को लेकर विवाद चला आ रहा है। इसे लेकर कई बार दोनों पक्ष भिड़ चुके हैं। बताया जाता है कि रविवार को प्रभाकर पक्ष दीवार का निर्माण करा रहा था। शिकायत पर तहसीलदार मधुसूदन आर्य व थानाध्यक्ष राजेसुल्तानपुर दलबल के साथ घूर-गड्ढे व रास्ते की पैमाइश करने पहुंचे। पैमाइश के दौरान दोनों पक्ष मौके पर जुट गए। पुलिस के सामने ही दोनों पक्षों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। कुछ देर बाद मारपीट शुरू हो गई और ईंट-पत्थर चलने लगे। बीचबचाव करने पहुंची पुलिस टीम पर भी पथराव कर दिया गया। इससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। 
पत्थरबाजी में एसआई उपेंद्र कुमार, सिपाही जितिन सिंह समेत तीन पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर दोनों पक्षों को तितर-बितर किया। साथ ही एक पक्ष के 12 से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया और थाने ले आई। एसओ संदीप सिंह ने बताया कि राजस्व टीम की तहरीर पर रमाकांत पक्ष के अनिल, रोहन, शैलेश, निर्मला, सोनी, सविता व प्रभावती समेत आठ के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
उधर रमाकांत पक्ष के लोगों ने पुलिस पर एकपक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाया। कहा गया कि पुलिस मिलीभगत कर दीवार का निर्माण करा रही है जिससे रास्ता अवरुद्ध हो रहा है। कहा कि इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से भी जाएगी। 
एसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि राजस्व व पुलिस टीम पर पथराव या हमले जैसी किसी हरकत पर कठोरतम कार्रवाई तय होगी। इस प्रकरण में भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।

    दो शूटर समेत चार को गाजीपुर पुलिस ने उठाया

    राजेसुल्तानपुर (अंबेडकरनगर) : सुपारी लेकर हत्या करने आए दो शूटरों समेत चार लोगों को गाजीपुर पुलिस ने उठाया है। जिससे एक बड़ी घटना होते बच गयी। राजेसुल्तानपुर थाना क्षेत्र के तेंदुआईकला खुर्द गांव के निवासी विजय कुमार मिश्र पुत्र दयाराम मिश्र की हत्या करने की सुपारी ढाई लाख रुपये में गाजीपुर जिले के दो शातिर शूटरों को कोहड़ा गांव के निवासी इंद्रमणि तिवारी ने दी थी। गाजीपुर जिले में हत्या कर दोनों शूटर जीयनपुर थाना क्षेत्र के बाजार में एक होटल पर खाना खाने के लिए पहुंचे कि पीछे लगी गाजीपुर की स्वाट टीम ने दोनों शूटरों को दबोच लिया। पूछताछ के दौरान दोनों ने हकीकत बयां किया।
    बताया कि राजेसुल्तानपुर थाना क्षेत्र के कोहड़ा गांव के निवासी इंद्रमणि तिवारी ने तेंदुआई खुर्द निवासी विजय मिश्र पुत्र दयाराम मिश्र की हत्या के लिए ढाई लाख की सुपारी दिया है। जिसमें एडवांस के रूप में 60 हजार रुपये मिल गया है। शूटरों ने बताया कि विजय मिश्र की हत्या करने के लिए जा रहे थे। स्वाट टीम दोनों शूटरों को लेकर इंद्रमणि तिवारी के दामाद प्रमोद उर्फ सोनू पांडेय जो घटना में शामिल बताये जाते है, उन्ही की शिनाख्त पर इंद्रमणि तिवारी को उनके घर पहुंचकर दबोच लिया। चारों लोगों को हिरासत में लेकर स्वाट टीम विजय मिश्र के घर तेंदुआईखुर्द गांव पहुंची। विजय मिश्र को घटना को जानकारी देते हुए स्वाट टीम ने बताया कि आपकी हत्या के लिए ये शूटर आ रहे थे। कारण पूछने पर विजय मिश्र ने बताया कि इंद्रमणि और विजय मिश्र दोनों मिलकर इंद्रमणि तिवारी के लिए पैसा वसूली का काम करते थे। इंद्रमणि ब्याज पर रूपया देते थे। इसकी वसूली को करते थे। वर्ष 2016 से विजय मिश्र ने इंद्रमणि का साथ छोड़कर दूसरे अंजनी तिवारी के यहां नौकरी करने लगे। बाद में विजय मिश्र स्वयं का धंधा करने में लग गए। इसके कारण इंद्रमणि का धंधा मंदा होने लगा। इंद्रमणि को यह नागवार लगा और वह विजय मिश्र को ठिकाने लगाने के लिए गाजीपुर जिले के शूटरों से संपर्क बनाकर घटना को अंजाम देने के लिए ढाई लाख की सुपारी तय की। जिसमें 60 हजार रुपये एडवांस दिया, लेकिन गाजीपुर की स्वाट टीम की सक्रियता के चलते वह पुलिस के हत्थे चढ़ गए। विजय मिश्र ने थानाध्यक्ष राजेसुल्तानपुर संदीप कुमार ¨सह को तहरीर देकर जान माल की सुरक्षा की मांग किया है। थानाध्यक्ष ने पुष्टि करते हए बताया कि सुपारी लेने वाले दो शूटरों व इंद्रमणि तिवारी तथा उनके दामाद प्रमोद उर्फ सोनू पांडेय को गिरफ्तार कर गाजीपुर पुलिस ले गयी है।
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    बुधवार, 7 जून 2017

    उचक्कों ने पार किए एक लाख की नगदी व आभूषण

    जलालपुर व राजेसुल्तानपुरके बाशिंदो के साथ हुई वारदात
    अमर उजाला ब्यूरो
    जलालपुर/राजेसुल्तानपुर। दिल्ली व लुधियाना से कमाकर घर लौट रहे जैतपुर व राजेसुल्तानपुर थाना क्षेत्र के दो लोगों का उचक्कों ने लगभग 50 हजार रुपये नगदी के अलावा लगभग 40 हजार के आभूषण पार कर दिए। बाद में दोनों पीड़ितों ने संबंधित थाने में पहुंचकर केस दर्ज करने के लिए तहरीर दी। पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है। 
    जलालपुर प्रतिनिधि के अनुसार जैतपुर थाना अन्तर्गत फुलवारी गांव निवासी मनोज कुमार दिल्ली में एक निजी कंपनी में काम करता है। सोमवार देर रात वह ट्रेन द्वारा दिल्ली से लखनऊ पहुंचा और वहां से वह बस द्वारा अकबरपुर पहुंचा। मंगलवार सुबह मनोज मैजिक वाहन से जलालपुर गया। जब उसने किराया देने के लिए बैग खोला, तो कपड़े में लिपटा रुपया नदारद था। इससे वह सन्न रह गया। मनोज के अनुसार बैग में 48 हजार रुपये थे, जिसे उचक्कों ने पार कर दिया। बाद में पीड़ित ने थाने पहुंचकर तहरीर दी। पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी। 
    उधर राजेसुल्तानपुर प्रतिनिधि के अनुसार राजेसुल्तानपुर थाना अन्तर्गत फरीदपुर गांव निवासी अनिरुद्ध लुधियाना में नौकरी करता है। सोमवार को वह ट्रेन से आजमगढ़ स्थित ससुराल पहुंचा। यहां से पत्नी को साथ लेकर बस द्वारा राजेसुल्तानपुर थाना अन्तर्गत पदमपुर बाजार आया। यहां से ऑटो रिजर्व कर घर जाने लगा। घर पहुंचकर जब उसने बैग खोला, तो सोने का मंगलसूत्र, सोने का झाला व चांदी की पाजेब समेत लगभग 40 हजार रुपये के आभूषण नदारद थे। पीड़ित ने ऑटो चालक पर आभूषण गायब करने का आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी। एसओ संदीप सिंह ने बताया कि तहरीर मिली है। छानबीन की जा रही है।

    शनिवार, 3 जून 2017

    गौ सेवा समिति राजेसुल्तानपुर

    क्या योगी आदित्यनाथ की अयोध्या यात्रा भाजपा के नये अयोध्या कांड का ही एक हिस्सा है?

    योगी आदित्यनाथ के अयोध्या दौरे पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मुहर थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस दौरे की अग्रिम सूचना दी गई थी. वैसे तो योगी उत्तर प्रदेश के हर जिले में सरकारी यात्रा पर निकल रहे हैं, लेकिन अयोध्या का दौरा सरकारी भी था, धार्मिक भी और सियासी भी. यह एक मुख्यमंत्री का, एक योगी का और एक भाजपा नेता, तीनों का दौरा था.
    अमित शाह ने अभी से 2019 चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. योगी आदित्यनाथ के शपथ लेने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ उनकी लंबी बैठक हुई थी. सुनी-सुनाई है कि इसी बैठक में अमित शाह ने उन्हें अपना लक्ष्य बता दिया था, योगी की अगली परीक्षा 2022 का विधानसभा चुनाव नहीं 2019 का लोकसभा चुनाव है. 2014 के चुनाव में भाजपा 80 में से 73 सीटें जीती थी. अब अमित शाह ने योगी के सामने 2014 के नतीजों को 2019 में दोहराने का लक्ष्य रखा है.
    इसलिए अयोध्या योगी आदित्यनाथ और अमित शाह दोनों के एजेंडे पर टॉप पर है. भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अब करीब-करीब मानकर ही चल रहा है कि अगले विधानसभा चुनाव में मोदी विरोधी सभी पार्टियां एक हो जाएंगी. उत्तर प्रदेश में भी मायावती और अखिलेश यादव साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे इसकी संभावना प्रबल है. इसी को ध्यान में रखते हुए अमित शाह उत्तर प्रदेश जीतने की योजना बना रहे हैं. एक भगवाधारी योगी का नेतृत्व और अयोध्या का मुद्दा. ये दोनों फैक्टर हिंदू वोट बैंक को जातियों में बंटने से रोक सकता है.
    बताया जाता है कि योगी आदित्यनाथ बहुत पहले ही अयोध्या का दौरा करना चाहते थे. लेकिन अमित शाह ने रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास के जन्मोत्सव को इसके लिए सबसे सही अवसर माना. पिछले 15 साल में ये पहला मौका था जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने रामलला के दर्शन किए, रामजन्मभूमि जाकर पूजा अर्चना की. योगी चाहते तो इस मौके पर राम मंदिर का जिक्र तक नहीं करते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भाजपा का नेतृत्व और योगी दोनों चाहते हैं कि अगले दो साल तक राम मंदिर के मुद्दे पर लगातार चर्चा चलती रहे. इसलिए उन्होंने मध्यस्थता की पेशकश कर दी और कहा, ‘अगर दोनों पक्ष आपसी बातचीत से समाधान निकालें तो राज्य सरकार मध्यस्थता के लिए तैयार है. सुप्रीम कोर्ट ने भी आपसी बातचीत से मामले को सुलझाने की सलाह दी है. हमें नया प्रयास करना चाहिए.’
    सुनी-सुनाई ही है कि अयोध्या को लेकर योगी आदित्यनाथ का एक रोडमैप है. मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने वहां सालों से बंद रामलीला को फिर से शुरू किया. अब वे परिक्रमा के रास्ते को सुंदर बनाने वाले हैं. गंगा आरती की तरह सरयू नदी की भी आरती की योजना है. मोदी सरकार राम सर्किट बनाएगी. रामायण म्यूजियम बनाया जाएगा. योगी सरकार अगले कुछ महीनों में अयोध्या पर 350 करोड़ रुपए खर्च करेगी.
    लेकिन बात सिर्फ अयोध्या के विकास और सौंदर्यीकरण पर खत्म नहीं होती है. भाजपा के अयोध्या प्लान का एक सियासी अध्याय औऱ भी है. अगले चार महीने में योगी आदित्यनाथ को विधानपरिषद या विधानसभा में से किसी एक का सदस्य बनना है. यह तय है कि वे पिछले मुख्यमंत्रियों - अखिलेश यादव और मायावती - की तरह विधान परिषद के सदस्य नहीं बनेंगे. सुनी-सुनाई है कि योगी ने पार्टी नेतृत्व के सामने इच्छा जताई है कि वे अयोध्या की सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. उत्तर प्रदेश में संघ के प्रांतीय प्रचारक और क्षेत्र प्रचारकों को भी योगी का यह आइडिया बेहद पसंद आया था. संघ के लोगों को लगता है कि प्रधानमंत्री काशी के सांसद और मुख्यमंत्री अयोध्या के विधायक होंगे तो हिंदू समाज में इसका संदेश साफ जाएगा.
    योगी के इस प्रस्ताव पर अमित शाह विचार कर रहे हैं. पार्टी का एक धड़ा चाहता है कि उत्तर प्रदेश में जबरदस्त बहुमत के बाद किसी भी तरह का जोखिम उठाने की जरूरत नहीं है. योगी को अपने गढ़ गोरखपुर से चुनाव लड़ना चाहिए जहां से उनकी जीत की सौ फीसदी गारंटी है. क्योंकि इस बात की पूरी संभावना है कि योगी के उपचुनाव में संपूर्ण विपक्ष मिलकर सिर्फ एक उम्मीदवार उतारेगा. इस आमने-सामने की लड़ाई में योगी को रिकॉर्ड वोटों से जीतना होगा. सुनी-सुनाई है कि योगी का यह अयोध्या दौरा इस मामले में शहर की हवा का अंदाज़ा लेने के लिए भी था. अयोध्या के विधायक योगी को अपनी सीट ऑफर कर चुके हैं, अब उन्हें तय करना है कि उन्हें अयोध्या की हवा पसंद है या फिर वे गोरखपुर की परिचित जमीन से ही चुनावी मैदान में उतरेंगे.
    यानी कि भाजपा के अयोध्या कांड में अभी कई अध्याय और जुड़ने हैं: एक तरफ लखनऊ में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ मुकदमे की रोजाना सुनवाई शुरू हो गई है जो अगले दो साल तक चलेगी. दूसरी तरफ मोदी सरकार अयोध्या में पर्यटन को बढावा देने के लिए राम के नाम पर काम कर रही है. तीसरी तरफ राम के धाम से योगी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. संयोग कुछ ऐसा बन रहा है जिससे राम मंदिर का मुद्दा चर्चा में बार-बार आ रहा है. पहले जो भाजपा नेता मंदिर की बात तक करने से बचते थे, अब वही कहने लगे हैं 2018 से राम मंदिर निर्माण शुरू हो सकता है.

    शुक्रवार, 2 जून 2017

    मंदिर-मस्जिद तो हो गया, पर अयोध्या का उद्धार कब होगा?

    किंवदंति है कि जब सीता को अयोध्या छोड़ना पड़ा तो, उन्होंने कहा कि जो अयोध्यावासी उनके ऊपर हो रहे अन्याय के खिलाफ नहीं खड़े हो पा रहे हैं उन्हें समृद्धि-खुशहाली नहीं मिल सकेगी. सवाल ये है कि क्या सीता के श्राप से अयोध्या कभी मुक्त नहीं हो सकेगी.
    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में हैं, इसलिए अयोध्या फिर से खबरों में है. लेकिन, सवाल ये है कि क्या अयोध्या सिर्फ विवादों की वजह से ही खबरों में रहेगी या फिर खबरों से आगे भी भगवान राम वाली समृद्ध अयोध्या अस्तित्व में आएगी. ये तो सच है कि अब देश 1992 से बहुत आगे निकल चुका है. मंदिर-मस्जिद अब वोट तो तैयार नहीं कर पा रहा है. पिछले चुनाव ज्यादातर विकास के मुद्दे पर ही हुए हैं.
    तो क्या अयोध्या को भी विकास के मुद्दे पर देखे जाने का वक्त आ गया है.
    अयोध्या विवाद की वजह से केंद्र और राज्य सरकार ने इस छोटे से कस्बे टाइप के शहर को छावनी बना रखा है. बावजूद इसके सालाना करीब 60 लाख रामभक्त अयोध्या चले आते हैं. 60 लाख सालाना मतलब 5 लाख लोग हर महीने मतलब हर दिन करीब 15 हजार लोग अयोध्या आते हैं.
    लेकिन, ये संख्या अयोध्या में लगने वाले रामनवमी, सावन मेले की वजह से बड़ी दिखती है. इस लिहाज से रामलला के दर्शन के अनुमानित आंकड़े तो बेहद निराश करने वाले हैं.
    प्रतिदिन 3-4 हजार श्रद्धालु ही तम्बू कनात में विराजमान रामलला के दर्शन करने आते हैं. पूरी ताकत से जय श्रीराम का नारा हर फुर्सत में लगाने वाले भी जाने कितने लोग रामलला विराजमान के दर्शन कर पाए होंगे. इसका अन्दाजा इसी से लग जाता है कि रामलला विराजमान के नाम पर सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते में 5-8 लाख रुपए महीने के ही जमा हो पाते हैं. यानी कुल जमा साल भर में रामलला विराजमान के खाते में 60 लाख से एक करोड़ रुपए के बीच में रकम जमा हो पाती है. औसतन ये रकम 70 लाख के आसपास ही होती है.

    पर्यटन स्थल सूची में नीचे है अयोध्या

    तिरुपति बालाजी मन्दिर
    तिरुपति बालाजी मन्दिर
    दूसरा तथ्य देखिए, भगवान विष्णु के ही अवतार माने जाने वाले वेंकटेश बालाजी तिरुपति मन्दिर में हर रोज भक्तों का चढ़ावा करीब 3 करोड़ का होता है. सिर्फ तिरुपति बालाजी न्यास की आमदनी की बात करें तो, मन्दिर न्यास को 2600 करोड़ रुपए की कमाई हुई. इसमें प्रतिदिन औसतन 3 करोड़ के लिहाज से चढ़ावा, 600 करोड़ रुपए सालाना टिकट की बिक्री और 800 करोड़ रुपए जमा रकम पर ब्याज के तौर पर.
    तिरुपति दर्शन के लिए जाने वालों की ताकत ये है कि तिरुपति के लिए दिल्ली से सीधी उड़ान है. और आज की तारीख में दिल्ली से तिरुपति जाने वाली एयर इंडिया और स्पाइस जेट की टिकट 13000 रुपए से 58000 रुपए तक की है. इसके अलावा चेन्नई और बेंगलुरू देश के ज्यादातर बड़े शहरों से सीधी उड़ान से जुड़े हुए हैं. अयोध्या जाने के लिए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ उड़कर पहुंचा जा सकता है.
    लेकिन, शायद ही इक्का दुक्का श्रद्धालु होंगे जो, रामलला विराजमान के दर्शन के लिए लखनऊ उड़कर पहुंचते होंगे. जबकि, तिरुपति पूरी तरह से और बेंगलुरू, चेन्नई के लिए उड़कर पहुंचने वालों में बड़ी संख्या भगवान वेंकटेश के श्रद्धालुओं की होती है. भगवान वेंकटेश तो तिरुमाला पहाड़ी पर हैं. लेकिन, भगवान के भक्तों की सुविधा से युक्त तिरुपति शहर में सैकड़ों छोटे बड़े होटल मिल जाएंगे.
    पूरी अयोध्या में शायद ही कोई ढंग का होटल मिल सके. उसकी वजह भी बड़ी साफ है शायद ही कोई पर्यटक गर्मी या सर्दी की छुट्टियों में अपने बीवी बच्चों के साथ अयोध्या की यात्रा का कार्यक्रम बनाता हो. घोर आस्थावान लोग ही एकाध बार रामलला के दर्शन करके वैतरणी पार कर लेने का भरोसा कर लेते हैं.
    अयोध्या को भारतीयों की पर्यटन स्थल सूची में बहुत नीचे जगह मिल पाती है. यहां तक कि उत्तर प्रदेश का हिन्दू भी जब धार्मिक यात्रा की योजना बनाता है तो, उसकी सूची में वैष्णो देवी, तिरुपति बालाजी, शिरडी जैसे मंदिर ऊपर की सूची में रहते हैं. बाहर के टूरिस्ट फिर चाहे वो धार्मिक यात्रा पर हों या सिर्फ घूमकर भारत देखने के मूड में उनकी लिस्ट में तो अयोध्या बिल्कुल ही नहीं रहता है. ये तब है जब इस देश में सर्व सहमति से अगर किसी एक भगवान पर हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों की बात हो तो वो संभवत: राम ही होंगे.

    विवादित ढांचा बनकर रह गई है पहचान

    

 (फोटो: यू-ट्यूब)
    (फोटो: यू-ट्यूब)
    वजह बड़ी साफ है अयोध्या की पहचान सिर्फ विवादित ढांचे वाले शहर की बनकर रह गई है. अब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के तौर पर अयोध्या में हैं. माना जा रहा है कि केंद्र में मोदी और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के संयोग से रामलला विराजमान की दशा सुधर सकती है.
    अयोध्या के विकास की बड़ी योजना मुख्यमंत्री आदित्यनाथ तैयार कर रहे हैं, ऐसा कहा जा रहा है. इसलिए उम्मीद जगती है कि रामराज्य के जरिए यानी राममंदिर के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों के जरिए अयोध्या के विकास की नई कहानी लिखी जा सकती है.
    ये तकदीर सिर्फ हिंदुओं की नहीं बदलेगी. रामलला के कपड़े पिछले दस सालों से अयोध्या को दोराही कुआं इलाके के सादिक अली सिलते हैं. वो, कहते हैं कि रामलला को पहनाए जाने वाले कपड़े उनके हाथ के सिले हैं ये उनके लिए गर्व की बात है. क्योंकि, राम तो सबके हैं. शहर में खड़ाऊं बनाने से लेकर मूर्तियां बनाने तक के काम में हिंदुओं के साथ मुस्लिमों की भी अच्छी भागीदारी है. अयोध्या एक ऐसा शहर है जो, हिंदुओं के लिए भगवान राम की जन्मभूमि की आस्था है तो, अवध के नवाबों की विरासत भी ये शहर समेटे हैं.
    अयोध्या में अवध शासकों के समय के कई मुस्लिमों के महत्व के स्थानों के साथ 3000 से ज्यादा मंदिर हैं. निर्मोही, निरंजनी, निर्वाणी, उदासीन, वैष्णव सहित लगभग सभी अखाड़ों के यहां बड़े ठिकाने हैं. शहर में दस हजार से ज्यादा साधु हमेशा रहते हैं.
    लेकिन, इतनी विविधता और बताने-दिखाने की समृद्ध विरासत होने के बावजूद इस शहर के लोग बेकारी, कम आमदनी से जूझ रहे हैं. अयोध्या के रास्ते में कुछ चीनी मिलों की बदबू यहां आने वाले को भले ही बड़ी इंडस्ट्री के होने का भ्रम पैदा करे लेकिन, सच यही है कि अयोध्या में चीनी मिलों के अलावा कोई ऐसी इंडस्ट्री भी नहीं है जहां 100 लोगों को भी रोजगार मिला है. किसी बड़ी कंपनी का शोरूम नहीं है. मनोरंजन का कोई साधन नहीं है. अयोध्या शहर का बाजार अच्छे कस्बों से बदतर है. तो क्या योगी के राज में अयोध्या को सीता के श्राप से मुक्ति मिल सकेगी.

    नगर निगम अयोध्या लगायेगा कैप

    फैजाबाद : स्पेशल कंपोनेंट सब प्लान के तहत ऋण लेने वालों के लिए एक मुश्त ऋण जमा योजना के लिए ब्लॉक वार कैंप लगाया जाएगा। समाज कल्याण अधिकारी (विकास)/पदेन जिला प्रबंधक अनुसूचित जाति/जनजाति निगम मुक्तेश्वर चौबे ने बताया कि जो लाभार्थी निगम से ऋण ले चुके हैं, उनका ऋण माफ नहीं है। वसूली कैंप के माध्यम से एक मुश्त ऋण जमा कर दंड व चक्रवृद्धि ब्याज में छूट का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सोहावल ब्लॉक पर तीन जून को 10.30 बजे से तीन बजे तक, पूराबाजार ब्लॉक के आशापुर में पांच जून को ऋण वसूली कैंप लगेगा। मयाबाजार ब्लॉक में सात जून को, बीकापुर ब्लॉक पर नौ जून को यह कैंप लगेगा। तारुन ब्लॉक में 12 जून, ह¨रग्टनगंज ब्लॉक में 14 जून मिल्कीपुर ब्लॉक में 16 जून की तिथि कैंप के लिए निर्धारित है। अमानीगंज ब्लॉक में 17 जून, रुदौली ब्लॉक में 19 जून, मवई ब्लॉक में 21 जून, शहर के वजीरगंज जप्ती में 28 जून, व अयोध्या जलवानपुरा पर 30 जून को आयोजित कैंप में ऋण जमा कर संबंधित क्षेत्र के लाभार्थी लाभ ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि कैंप का समय 10.30 बजे से सायं 3.00 बजे तक रहेगा - See more at: http://www.jagran.com/uttar-pradesh/faizabad-16129198.html#sthash.IEUTwe3q.dpuf

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