प्रेरक शेर शायरी हिंदी प्रेरणादायक कविता
कोशिशों के बावजूद हो जाती है कभी हार ...
होके निराश मत बैठना मन को अपने मार ...
बड़ते रहना आगे सदा हो जैसा भी मौसम ...
पा लेती है मंजिल चींटी भी गिर गिर के हर बार॥
ऐसा नहीं की राह में रहमत नहीं रही
पैरो को तेरे चलने की आदत नहीं रही
कश्ती है तो किनारा नहीं है दूर
अगर तेरे इरादों में बुलंदी बनी रही॥
हर पल पे तेरा ही नाम होगा ,
तेरे हर कदम पे दुनिया का सलाम होगा
मुशिकिलो का सामना हिम्मत से करना ,
देखना एक दिन वक़्त भी तेरा गुलाम होगा॥
मंजिले उन्ही को मिलती है
जिनके सपनो में जान होती है
पंखो से कुछ नहीं होता
होसलो से उडान होती है॥
ताश के पत्तों से महल नहीं बनता,
नदी को रोकने से समंदर नहीं बनता,
बढ़ाते रहो जिंदगी में हर पल,
क्यूंकि एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता
जो भरा नहीं है भावों से जिसमें बहती रसधार नहीं।
वह हृदय नहीं है पत्थर है,जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं॥
बुझने लगी हो आंखे तेरी, चाहे थमती हो रफ्तार
उखड़ रही हो सांसे तेरी, दिल करता हो चित्कार
दोष विधाता को ना देना, मन मे रखना तू ये आस
“रण विजयी” बनता वही, जिसके पास हो “आत्मविश्वास”
-संजय मिश्र
आओ झुक कर सलाम करें उनको,
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,
खुशनसीब होते हैं वो लोग,
जिनका लहू इस देश के काम आता है॥
दुआ मांगी थी आशियाने की ,
चल पड़ी आंधियां ज़माने की,
मेरे गम को कोई समझ न पाया,
मुझे आदत थी मुस्कराने की॥
मुश्किलों से भाग जाना आसन होता है ,
हर पहलु ज़िन्दगी का इम्तिहान होता है ,
डरने वालो को मिलता नहीं कुछ ज़िन्दगी में ,
लड़ने वालो के कदमो में जहाँ होता है॥
बुलबुल के परो में बाज़ नहीं होते ,
कमजोर और बुजदिलो के हाथो में राज नहीं होते ,
जिन्हें पड़ जाती है झुक कर चलने की आदत ,
दोस्तों उन सिरों पर कभी ताज नहीं होते॥
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